दरसल लाजवाब सवालो में उलझी जिंदगी कई रंगों से लिपटी है और यही अनगिनत रंग इसकी खूबसूरती है I कभी हम ज़िन्दगी से आगे भागते है, कभी ज़िन्दगी हम से आगे निकल जाती है I कभी हम ज़िन्दगी से समझौता कर लेते है कभी समझौते को हम ज़िन्दगी समझ लेते है I आहिस्ता -आहिस्ता हमें ख़फ़ा रहने की आदत पड़ जाती है और सारे खूबसूरत लम्हें हमारे पहलू से निकल जाते है I हम ज़िन्दगी का शुक्र कम और शिकायत ज्यादा करते हैं I जिंदगी को लेकर हमारी शिकायतें जितनी कम होंगी यकीन मानिए जिंदगी उतनी हसीन होगी I ज़िन्दगी एक खूबसूरत ख़्वाब है बेइंतेहा हर लम्हें से प्यार करो खुद-बखुद छंट जायेगा अँधेरा तुम सुबह का तो इन्तिज़ार करो.