ज़िंदगी छोटे-छोटे लम्हों को जोड़कर बनी है, हर लम्हा अनमोल है बेशक़ीमती है। हर लम्हे को भरपूर जीना ही ज़िंदगी है कुछ लम्हे ज़िंदगी से गुजर जाते है कुछ लम्हों में ज़िंदगी गुज़र जाती है लम्हे पंखुड़ियों की तरह नाज़ुक होते है और पलक झपकते ही आँखों से ओझल हो जाते है । बीते लम्हे कभी लौटकर नहीं आते । लम्हों की अहमियत समझने और संवारने में उम्र गुजर जाती हैं ।कुछ लम्हे सबक़ देकर गुजर जाते है और कुछ पल जीने की वजह बन जाते हैं । कुछ लम्हे ख़ास होते है प्यार का अहसास होते हैं लम्हे जो यादगार होते है वो दिल के पास होते है कुछ लम्हें वक़्त की शाख़ से टूट कर बिखर जाते है और कुछ फूलों की तरह हमारी ज़िंदगी महकाते है लम्हे मासूम होते है देखने मे ख़ामोश नज़र आते है मगर उनकी आवाज़ दोस्ती और मोहब्बत का आभास होती हैं । उनमें दर्द और दुआ की परवाज़ होती है । लम्हों बिना कहे बिना मिले सब कुछ कह जाते है. ज़िंदगी के मायने बदल देते है जो गुजर गया है वक़्त उसके पीछे दौड़ना छोड़ें वक़्त की रफ़्तार को समझे हर पल को ज़िंदगी से जोड़ें वक़्त के साथ चलें उसके साथ दौड़े….. राकेश की कलम से